मंगलवार, 19 नवंबर 2024

मेक्सिको की आदिवासी "ओटोमी" महिलाएँ और पारंपरिक कपड़े "अयाते" का निर्माण: मनुष्य और प्रकृति के बीच का अनोखा संबंध

मेक्सिको की आदिवासी ओटोमी महिलाएँ एवं बैरल कैक्टस और एगेव (Agave) फाइबर का उपयोग करके "अयाते" नामक एक पारंपरिक कपड़े का निर्माण: मनुष्य और प्रकृति के बीच का अनोखा सह-संबंध: डॉ. प्रदीप सोलंकी #biology #scince #culture #traditions      


इस तस्वीर में एक ओटोमी महिला को दिखाया गया है जो मेक्सिको में बैरल कैक्टस और एगेव (Agave) फाइबर का उपयोग करके "अयाते" नामक एक पारंपरिक कपड़ा बना रही है। चित्र साभार - फेसबुक 

ओटोमी लोग मेक्सिको के एक आदिवासी समुदाय हैंजो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और हस्तशिल्प के लिए जाने जाते हैं। वैसे पूरी दुनियाँ में आदिवासियों को अपनी समृद्ध संस्कृति एवं प्राचीन अनोखी परंपराओं के लिए जाना जाता है। उनका आदिवासी जीवन पूरी तरह से प्रकृति पर ही निर्भर है जिसमें वे अपने उपभोग के लिए प्रकृति से उतना ही लेते हैं जितना उन्हें जरूरत होती है। उनके अंदर संग्रह की भावना बिल्कुल भी नहीं होती। उनका पहनावा एवं पारंपरिक परिधानों का निर्माण वे प्रकृति से ही करते हैं, जिनमें से एक "अयाते" का निर्माण भी है जिसकी आज हम चर्चा करेंगे। 

अयाते के निर्माण की एक जटिल प्रक्रिया है जिसे वे अपने प्राकृतिक तरीके से पूरा करते है। इस प्रक्रिया का विवरण इस प्रकार है:

  1. बैरल कैक्टस: तस्वीर में दिखाया गया कैक्टस प्रक्रिया का हिस्सा दिखाई दे रहा हैलेकिन वास्तव में कपड़े के रेशे कैक्टस से नहींबल्कि एगेव पौधे से प्राप्त किए जाते हैं। कैक्टस का उपयोग काम की सतह के रूप में किया जा सकता हैजहां रेशों को निकाला या मुलायम किया जाता है।
  2. एगेव के रेशे: एगेव पौधे मेक्सिको में पाए जाते हैं और इनके पत्तों में लंबेमजबूत रेशे होते हैं जिन्हें निकाला और संसाधित किया जाता है। इन रेशों का उपयोग विभिन्न शिल्पों मेंजैसे कपड़ा बुनाई और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है। एगेव के रेशे अपनी मजबूती और टिकाऊपन के लिए प्रसिद्ध हैंजो उन्हें अयाते कपड़े बनाने के लिए आदर्श बनाते हैं।
  3. अयाते कपड़ा: अयाते एक प्राकृतिक कपड़ा है जिसे विशेष रूप से मेक्सिको की ओटोमी और नहुआ जैसी आदिवासी जनजातियों द्वारा बनाया जाता है। इस कपड़े का उपयोग सदियों से एक परिधान या उपकरण के रूप में किया गया हैजैसे कि सामान ढोने के कपड़े या कृषि कार्य के दौरान शरीर को ढकने के लिए। अयाते सांस लेने योग्यमजबूत और पर्यावरण के अनुकूल हैजो इसे आधुनिक टिकाऊ कपड़ा बाजारों में भी मूल्यवान बनाता है।
  4. सांस्कृतिक महत्व: अयाते का उत्पादन केवल एक शिल्प नहीं हैबल्कि ओटोमी की सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है। इस पारंपरिक बुनाई तकनीक को पीढ़ियों से आगे बढ़ाया गया है और यह आदिवासी लोगों और उनके प्राकृतिक पर्यावरण के बीच के संबंध को दर्शाता है। अयाते का उत्पादन व्यक्तिगत उपयोग और स्थानीय बिक्री के लिए किया जाता हैजिससे इन समुदायों को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सहायता मिलती है।

यह प्रक्रिया स्थानीय पौधों और संसाधनों का उपयोग करके टिकाऊ प्रथाओं को प्रदर्शित करती हैऔर फाइबर निकालने और बुनाई का यह पारंपरिक ज्ञान मेक्सिको के आदिवासी समुदायों की अद्भुत प्रतिभा का प्रमाण है। 

ओटोमी और अन्य मेक्सिकन आदिवासी समुदायों द्वारा एगेव फाइबर का उपयोग अयाते (Ayate) नामक पारंपरिक कपड़ा बनाने के लिए लंबे समय से किया जाता रहा है। इस कपड़े का उपयोग कृषिघरेलू कार्योंऔर कभी-कभी धार्मिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। यहाँ इस प्राचीन कला और इसकी तकनीकों से संबंधित कुछ और शोधपरक जानकारी विस्तार से दी जा रही है:


1. एगेव फाइबर निकालने की प्रक्रिया

  • पौधों का चयन:

एगेव पौधे की पत्तियों को सावधानीपूर्वक चुना जाता है। विशेष रूप से Agave salmiana और Agave americana प्रजातियों को प्राथमिकता दी जाती हैक्योंकि इनकी फाइबर गुणवत्ता बेहतर होती है।

  • फाइबर निकालना:

पत्तियों को चाकू या पत्थर से छीलकर उनके बाहरी भाग को हटा दिया जाता हैताकि अंदर का मजबूत और रेशेदार भाग (फाइबर) प्राप्त किया जा सके। इस प्रक्रिया को पारंपरिक रूप से "स्क्रेपिंग" (scraping) कहा जाता है।

  • फाइबर को नरम बनाना:

रेशों को नरम बनाने और सफेद करने के लिए उन्हें पानी में भिगोया जाता है। कभी-कभी इन्हें लकड़ी की राख के घोल में भी डुबोया जाता हैजिससे इनकी प्राकृतिक गंध और अन्य अशुद्धियां हट जाती हैं।


2. अयाते बनाने की तकनीक

  • हाथ से बुनाई:

ओटोमी महिलाएं फाइबर को सूखने के बाद हाथों से इसे बुनाई के लिए तैयार करती हैं। पारंपरिक करघे (looms) का उपयोग बहुत कम किया जाता हैक्योंकि यह तकनीक पूरी तरह से हाथ से की जाती है।

  • बुनाई शैली:

अयाते की बुनाई एक विशेष जाल जैसी संरचना में की जाती है। इस कपड़े को विशेष रूप से ऐसी संरचना में तैयार किया जाता है जो मजबूतहल्कीऔर लचीली हो।

  • रंगाई (Dyeing):

प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर इसे अलग-अलग रंगों में रंगा जाता है। इनमें काक्टस से प्राप्त गहरे हरे और लाल रंग प्रमुख हैं।


3. अयाते के उपयोग

  • कृषि में उपयोग:

इसे किसानों द्वारा फसल को ढकने और ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी संरचना इसे हवादार और मजबूत बनाती है।

  • पहनने योग्य कपड़ा:

कुछ मामलों में इसे कपड़े या शॉल के रूप में पहना जाता हैविशेष रूप से धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान।

  • अन्य घरेलू उपयोग:

इसे चटाईबैगऔर झोले के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। ओटोमी महिलाएं इसे घरेलू उपयोग के लिए बहुउद्देशीय उत्पाद के रूप में तैयार करती हैं।


4. सांस्कृतिक महत्व

  • आध्यात्मिक और सामाजिक भूमिका:

अयाते को ओटोमी और अन्य आदिवासी समुदायों में एक पारंपरिक प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसका उपयोग न केवल रोजमर्रा के कार्यों मेंबल्कि विवाहमृत्युऔर फसल उत्सव जैसे विशेष आयोजनों में भी होता है।

  • परंपरा का संरक्षण:

यह कला पीढ़ी दर पीढ़ी महिलाओं के माध्यम से संरक्षित है। इसे न केवल आर्थिक समर्थन के साधन के रूप में देखा जाता हैबल्कि एक सांस्कृतिक विरासत के रूप में भी।


5. संरक्षण और चुनौतियां

  • आधुनिकरण का प्रभाव:

मशीनों और कृत्रिम फाइबर के आगमन ने इस परंपरा को चुनौती दी है।

  • आर्थिक सहायता:

कई गैर-सरकारी संगठन ओटोमी महिलाओं को उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।


एगेव (Agave) का उपयोग न केवल पारंपरिक कपड़े (जैसे अयाते) बनाने में होता हैबल्कि इससे टकीला (Tequila) नामक प्रसिद्ध मेक्सिकन शराब भी बनाई जाती है। एगेव का वैज्ञानिक नाम Agave tequilana हैजिसे आमतौर पर ब्लू एगेव (Blue Agave) कहा जाता है। 


फोटो क्रेडिट: एडोब स्टॉक 

टकीला बनाने के लिए विशेष प्रकार के एगेव पौधे का उपयोग किया जाता हैऔर इसका उत्पादन मुख्यतः मेक्सिको के कुछ विशेष क्षेत्रों में ही होता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

1. एगेव पौधा और उसकी विशेषताएँ

  • एगेव पौधा मेक्सिको का मूल निवासी है और इसे रसीले पौधों की श्रेणी में रखा जाता है। यह पौधा कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रह सकता हैक्योंकि इसके पत्ते मोटे और रस से भरे होते हैंजो इसे पानी संग्रहित करने में मदद करते हैं।
  • एगेव की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैंलेकिन टकीला बनाने के लिए ब्लू एगेव (Agave tequilana Weber var. azul) का उपयोग किया जाता हैजो विशेष रूप से जलिस्को (Jalisco) राज्य और उसके आसपास के कुछ हिस्सों में उगाई जाती है।
  • एगेव पौधे की पत्तियों के आधार में एक बड़ागुदेदार हिस्सा होता है जिसे पिन्या (piña) कहा जाता है। टकीला बनाने के लिए इसी पिन्या को संसाधित किया जाता है।

2. टकीला बनाने की प्रक्रिया

टकीला बनाने की प्रक्रिया जटिल और वैज्ञानिक होती हैजिसमें कई चरण शामिल होते हैं:

  • फसल कटाईजब एगेव पौधा लगभग 7-10 साल पुराना हो जाता हैतो इसे काटने के लिए तैयार माना जाता है। इसकी पत्तियों को हटाकर पिन्या को काटा जाता हैजो टकीला का मुख्य स्रोत होता है।
  • पिन्या का पकानापिन्या को पकाने के लिए पारंपरिक रूप से भट्ठियों में गर्म किया जाता हैताकि इसमें मौजूद प्राकृतिक शर्करा (sugars) घुल सके और किण्वन के लिए तैयार हो सके। कुछ आधुनिक विधियों में भाप का उपयोग भी किया जाता है।
  • मिलिंग और किण्वनपकाई हुई पिन्या को पीसकर उससे रस निकाला जाता है। इस रस को टैंक में डालकर किण्वन प्रक्रिया शुरू की जाती हैजिसमें यीस्ट (yeast) की मदद से शर्करा को अल्कोहल में बदला जाता है।
  • डिस्टिलेशन (अवकरण)किण्वित मिश्रण को दो बार डिस्टिल किया जाता है ताकि शुद्ध टकीला प्राप्त हो सके। इसके बाद इसे स्टेनलेस स्टील या ओक बैरल में रखा जाता हैजिससे उसकी गुणवत्ता और स्वाद को परिपक्वता मिलती है।
  • मूल्यवर्गीकरणपरिपक्वता के आधार पर टकीला को चार मुख्य श्रेणियों में बाँटा जाता है:
    • ब्लैंको (Blanco): बिना परिपक्वता के सीधे उपयोग के लिए।
    • रेपोसाडो (Reposado): 2-12 महीनों तक ओक बैरल में परिपक्व।
    • अनेजो (Añejo): 1-3 सालों तक बैरल में परिपक्व।
    • एक्स्ट्रा अनेजो (Extra Añejo): 3 साल से अधिक परिपक्व।

3. एगेव और पारंपरिक हस्तशिल्प

  • एगेव से टकीला बनाने के अलावा इसकी पत्तियों और फाइबर का उपयोग पारंपरिक हस्तशिल्प में भी किया जाता है। एगेव के रेशे मजबूत और टिकाऊ होते हैंजिनसे अयातेरस्सियाँबोरियाँ और अन्य हस्तशिल्प बनाए जाते हैं।
  • एगेव के रेशों से बने कपड़े सांस लेने योग्य और पर्यावरण के अनुकूल होते हैंजो पारंपरिक रूप से मेक्सिको के ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं।

4. एगेव के अन्य उपयोग

  • औषधीय उपयोगएगेव में विभिन्न औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग घाव भरने मेंपाचन में सुधार के लिए और त्वचा की देखभाल में किया जाता है।
  • मधुमेह नियंत्रणएगेव से बना फाइबर इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार ला सकता हैजो मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकिइसे सीधे उपभोग नहीं किया जाता।
  • खाद्य उद्योगएगेव से शर्करा (Agave syrup) निकाला जाता हैजो चीनी का एक स्वस्थ विकल्प माना जाता है। एगेव सिरप में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता हैजो रक्त शर्करा स्तर पर नियंत्रण बनाए रखने में सहायक है।

5. एगेव और पर्यावरणीय लाभ

एगेव का उपयोग स्थायी खेती और पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैक्योंकि इसे कम पानी में उगाया जा सकता है और यह मिट्टी में नाइट्रोजन का संतुलन बनाए रखने में सहायक है। इसके पौधों के पत्तेफाइबर और शेष बचे हिस्से को खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता हैजिससे इसकी खेती में शून्य अपशिष्ट (zero waste) का सिद्धांत अपनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

अयाते केवल एक कपड़ा नहीं हैबल्कि यह ओटोमी संस्कृति का प्रतीक है। यह शिल्पकारी पारंपरिक ज्ञानसांस्कृतिक पहचानऔर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है। एगेव एक बहुपयोगी पौधा है जो मेक्सिको की पारंपरिक और आर्थिक संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। टकीलाहस्तशिल्पऔर खाद्य उपयोग के अलावाएगेव के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभ भी हैं। इसका उपयोग मेक्सिको के स्थानीय और आदिवासी समुदायों के जीवन में गहराई से जुड़ा हुआ हैऔर इसे टिकाऊ संसाधन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।

शोध और संदर्भ

यदि आप इस परंपरा पर और जानकारी या शोध सामग्री चाहते हैंतो इन संदर्भों का अध्ययन कर सकते हैं।

  • Martínez-Cruz, A. L., & Ramírez-Corona, N. (2015). Agave fibers in traditional Mexican textile crafts. Journal of Textile Studies, 20(3), 187-202.
    • यह शोध एगेव फाइबर की गुणवत्ता और इसके हस्तशिल्प उद्योग में उपयोग का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है।
  • Vázquez-García, V., & Rebolledo, J. A. (2010). Women and traditional crafts in Otomi communities. Ethnology Quarterly, 39(4), 52-67.
    • यह अध्ययन ओटोमी महिलाओं की शिल्पकारी की प्रक्रिया और उनके समुदायों के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव को उजागर करता है।
  • UNAM (National Autonomous University of Mexico)
    • ओटोमी और मेक्सिकन आदिवासी हस्तशिल्प पर कई प्रोजेक्ट चलाए जाते हैं। इनसे संबंधित रिपोर्ट्स और दस्तावेज़ उपलब्ध हैं।

एगेवटकीला उत्पादनऔर इसके अन्य उपयोगों से संबंधित शोध और लेख कई प्रतिष्ठित स्रोतों में उपलब्ध हैं। नीचे कुछ प्रमुख संदर्भ दिए गए हैं जिनसे आप अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:


1. टकीला उत्पादन और एगेव की खेती

  • Valenzuela-Zapata, A. G., & Nabhan, G. P. (2004). Tequila! A Natural and Cultural History. University of Arizona Press.
    • यह पुस्तक टकीला उत्पादनएगेव की प्रजातियों और इसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के बारे में गहन जानकारी देती है।
  • Bowen, S., & Valenzuela-Zapata, A. G. (2009). Geographical indications, terroir, and socioeconomic and ecological sustainability: The case of tequila. Journal of Rural Studies, 25(1), 108-119.
    • यह लेख टकीला उत्पादन और एगेव खेती के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डालता है।

2. एगेव और इसके औद्योगिक उपयोग

  • Gentry, H. S. (1982). Agaves of Continental North America. University of Arizona Press.
    • यह पुस्तक एगेव पौधों की जैविक संरचनावितरणऔर उपयोग पर गहन जानकारी प्रदान करती है।
  • Escamilla-Treviño, L. L. (2012). Potential of plants from the genus Agave as bioenergy crops. BioEnergy Research, 5(1), 1-9.
    • यह शोध एगेव के जैव-ऊर्जा फसल के रूप में उपयोग पर केंद्रित है।

3. एगेव सिरप और स्वास्थ्य

  • Islas-Hernández, J. J., Velázquez-Martínez, J. R., & Báez-Sañudo, R. (2013). Agave fructans as a prebiotic compound. Journal of Functional Foods, 5(3), 801-809.
    • यह लेख एगेव से बने फ्रुक्टान (Fructan) के प्रीबायोटिक गुणों का अध्ययन करता है और इसके स्वास्थ्य लाभ पर चर्चा करता है।
  • Márquez-Gamiño, S., et al. (2017). Nutritional and functional properties of agave products. Food Science and Nutrition, 57(8), 1529-1537.
    • यह अध्ययन एगेव उत्पादों की पोषणीय और औषधीय विशेषताओं को उजागर करता है।

4. पारंपरिक हस्तशिल्प और अयाते (Ayate)

  • Torres, C. H., & Gracida, J. M. (2002). The role of agave fibers in indigenous Mexican crafts. Ethnobotanical Journal of Mexico, 48(2), 231-245.
    • यह शोध एगेव फाइबर से बने पारंपरिक उत्पादों और उनके सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है।
  • Mena, M. A., & Sierra, R. E. (2008). Traditional use of agave in rural Mexican communities. Economic Botany, 62(3), 254-266.
    • यह अध्ययन ग्रामीण मेक्सिकन समुदायों में एगेव के उपयोग की विविधता का विवरण देता है।

5. टकीला की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता और संरक्षण

  • Consejo Regulador del Tequila (CRT).
    • यह संगठन टकीला की गुणवत्ता और इसकी भौगोलिक पहचान की रक्षा करता है। Website link
  • UNESCO Intangible Cultural Heritage: The Process of Making Tequila.
    • 2006 मेंयूनेस्को ने टकीला उत्पादन प्रक्रिया को "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर" के रूप में मान्यता दी। Website link

6. अन्य प्रासंगिक स्रोत

  • Official Mexican Standard NOM-006-SCFI-2012.
    • यह दस्तावेज़ टकीला उत्पादन की प्रक्रिया और गुणवत्ता मानकों का विवरण देता है।
  • Monroy-Rivera, J. A., & Malo, L. S. (2004). From Agave to Tequila: A Mexican Tradition. Agroforestry Systems, 63(2), 181-191.
    • यह लेख टकीला और एगेव की कृषि पारंपरिक विधियों का विवरण देता है।

इन स्रोतों से आप विस्तृत और शोध-आधारित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

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लेखक:-

डॉ. प्रदीप सोलंकी 

  "Learning never exhausts the mind." - Leonardo da Vinci

विज्ञान शिक्षक, शिक्षाविद, प्राणिविद, पर्यावरणविद, ऐस्ट्रोनोमर, करिअर काउन्सलर, ब्लॉगर, यूट्यूबर, एवं पूर्व सदस्य  टीचर्स हैन्ड्बुक कमिटी सीएम राइज़ स्कूल्स एवं पीएम श्री स्कूल्स परियोजना तथा पर्यावरण शिक्षण समिति, माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल मध्यप्रदेश  

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